12th Political science Vvi Question !
Que 1 . परमाणु अप्रसारण सन्धि पर भारत ने हस्ताक्षर क्यों नहीं किए?
Ans-1968 में संयुक्त राज्य अमरीका तथा सोवियत संघ के बीच यह सन्धि हुई थी जिसे 1970 में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने अपना लिया। यह 25-वर्षीय सन्धि थी, लेकिन 1995 में अनिश्चित काल के लिए इसकी अवधि बढ़ा दी गई। इसमें कहा गया कि पाँच बड़ी शक्तियाँ (अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, सोवियत संघ व चीन) किसी अन्य देश को अपनी परमाणु ऊर्जा या तकनीकी का हस्तान्तरण नहीं करेंगी। यदि किसी अन्य राज्य ने किसी परमाणु शक्ति से ऊर्जा या तकनीकी प्राप्त की तो वह केवल शान्तिपूर्ण प्रयोजन के लिए हो सकेगा तथा अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण उसका निरीक्षण करेगा। भारत की दृष्टि में यह सन्धि विभेदकारी है, क्योंकि यह किसी अन्य देश को परमाणु शक्ति बनने से रोकती है तथा रचनात्मक कार्यों के लिए परमाणु परीक्षणों पर रोक लगाती है।
Ans-एक ओर पाकिस्तान, चीन और अमेरिका की साँठ-गाँठ से दक्षिण शिया में शक्ति सन्तुलन अस्त-व्यस्त हो रहा था, तो दूसरी ओर पाकिस्तान दो सम्भागों के बीच झगड़े का सीधा प्रभाव भारत पर पड़ रहा था। पर्वी गाल में पाकिस्तान की सैनिक कार्यवाही के परिणामस्वरूप लाखों लोगों को अपना देश छोड़कर भारत में आना पड़ा जिनकी संख्या एक करोड से भी अधिक हो गई। इस विशाल जन-समुदाय के खान-पान एवं स्वास्थ्य की देखभाल का भार भारत पर आ गया। इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात भारत की सरक्षा. अखण्डता और सार्वभौमिकता को अक्षुण्ण बनाए रखने की थी।
Que 3. 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के क्या कारण थे?
Ans-अक्टूबर 1958 में पाकिस्तान में सैनिक शासक फील खाँ राष्ट्रपति बने। 1962 में चीन के हाथों भारत की पराजय ने उन्हें प्रेरित किया कि कश्मीर की समस्या को बलपूर्वक हल किया जाए। अत: सितम्बर 1065 में पाकिस्तान ने कश्मीर पर आक्रमण कर दिया।
Que 4. 1954 में हुई भारत-चीन सन्धि की विशेषताएँ बताइए। (BSEB, 2015)
Ans-सन् 1954 में हुई भारत-चीन सन्धि की विशेषताएँ हैं-एक-दूसरे की प्रादेशिक अखण्डता और प्रभुसत्ता का आदर करना, किसी पर आक्रमण न करना, दूसरे के घरेलू मामले में हस्तक्षेप न करना, समानता और परस्पर लाभ, शान्तिपूर्ण सह-अस्तित्व।
Que 5. शिमला समझौता क्या था? इस पर हस्ताक्षर करने वालों के नाम लिखिए।
Ans-1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के पश्चात् शिमला में एक सन्धि हुई। शिमला में हुई इस सन्धि को 'शिमला समझौते' के नाम से जाना गया। इस समझौते की मुख्य विशेषता यह थी कि इसमें यह प्रावधान किया गया था कि दोनों देश अपनी समस्याओं को द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से सुलझाएंगे। इस समझौते पर भारत की तरफ से प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी तथा पाकिस्तान की ओर से जुल्फिकार अली भुट्टो ने हस्ताक्षर किये थे।
Que 6. 1966 में इंदिरा गाँधी को भारत का प्रधानमंत्री बनवाने में वरिष्ठ काग्रेसा नेताओं ने क्यों सहयोग दिया था?
Ans-1966 में इन्दिरा गाँधी को भारत का प्रधानमंत्री बनवाने में वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने विशेष सहयोग किया। कांग्रेस के इन वरिष्ठ नेताआन संभवतया यह सोचकर उनका समर्थन किया कि प्रशासनिक और राजनीतिक मामलों में खास अनुभव न होने के कारण समर्थन और दिशा निर्देशन के लिए इन्दिरा गाँधी उन पर निर्भर रहेंगी।
Que 7. नेहरू के बाद कांग्रेस में लोकतान्त्रिक उत्तराधिकार का वर्णन कीजिए।
Ans-नेहरू कांग्रेस पार्टी के अद्वितीय नेता थे। 1964 में उनकी मृत्यु के बाद यह सवाल पैदा हुआ कि किसे उत्तराधिकारी बनाया जाए। पुराने नेताओं मे मोरारजी देसाई. जगजीवन राम व गुलजारी लाल नन्दा ने अपनी इच्छा व्यक्त की, लेकिन पार्टी के अध्यक्ष (कामराज) ने शास्त्रीजी को उनका उत्तराधिकारी बनाया। लगभग डेढ़ वर्ष बाद शास्त्री जी की मृत्यु के बाद फिर वही सवाल पैदा हो गया। इस बार मोरारजी देसाई खुलकर मैदान में कूद पड़े, लेकिन पार्टी अध्यक्ष ने इन्दिरा गाँधी को उत्तराधिकारी बनाया। दोनों अवसरों पर सारा काम शान्तिपूर्ण व लोकतान्त्रिक तरीके से हो गया।
Que 8.आपातकाल के परा-संवैधानिक आयामों का क्या अर्थ है?
Ans- भारत के संविधान के अनुसार आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रपति अपने मंत्रियों की सलाह पर ऐसी विशेष शक्तियों का प्रयोग कर सकता है। अतः जून 1975 में देश को आन्तरिक उपद्रव से बचाने हेतु आपातकालीन शक्ति का प्रयोग संवैधानिक था। लेकिन जब इन्दिरा सरकार ने तरह-तरह की ज्यादतियों की तो वह असंवैधानिक हो गया जिसे परा संवैधानिक कहा जा सकता है। उदाहरण के लिए, सभी विपक्षी नेताओं की नजरबन्द कर दिया गया, अनेक संगठनों को वर्जित किया गया, 1976 में संविधान में बड़े संशोधन किये गये जिनके आपत्तिजनक प्रावधानों को 1978 में पलटा गया।
Que 9. नागरिक स्वतन्त्रताओं के संगठनों का वर्णन कीजिए।
Ans-जब लोगों की आमूल स्वतन्त्रताओं का हनन होता है तो जागरूक लोग उसका प्रतिकार करते हैं। स्वतन्त्रता बनाये रखने हेतु सदा सावधान रहना जरूरी है। इन्दिरा गाँधी के काल में भारत सरकार ने अनेक ऐसे काम किये जिन्होंने लोगों की मूल स्वतन्त्रताओं पर कुठाराघात किया। इसीलिए पूर्व न्यायाधीश बी. एम. तारकण्डे ने नागरिक स्वतन्त्रता संघ बनाया तथा एक अधिवक्ता मुखी ने लोकतान्त्रिक अधिकारों के लिए लोक संघ की स्थापना की। दिल्ली तथा प्रमुख नगरों में ऐसे अनेक संगठन काम कर रहे है। हर्ष की बात है कि प्रेस व मीडिया भी इस दिशा में अपनी महती भूमिका अदा कर रहें है |
Que 10. जनता पार्टी क्यों स्थापित हुई?
Ans-25 जून, 1975 को श्रीमती इन्दिरा गाँधी की सरकार ने देश में आपातकाल लागू कर दिया था। आपातकाल लागू होने से पूर्व ही बड़ी विपक्षी पार्टियाँ एक दूसरे के नजदीक आ रही थीं। उन सभी पार्टियों पर आपातकाल में हुये अत्याचारों ने उन्हें और नजदीक ला दिया। मार्च 1977 में होने वाले लोकसभा चुनावों के ठीक पहले इन विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर 'जनता पार्टी' नाम से एक नया दल बनाया।
Que 11. आपातकाल की घोषणा का देश के संवैधानिक ढाँचे पर क्या प्रभाव पड़ा?
Ans-आपातकाल का देश के संवैधानिक ढाँचे पर अनुकूल प्रभाव नहीं पड़ा। संविधान के समक्ष कई नयी चुनौतियाँ खड़ी हो गयीं। आपातकाल के दौरान ही संविधान का 42वाँ संशोधन पारित किया गया, जिससे संविधान के कई हिस्सों में बदलाव हुआ। संविधान के ये परिवर्तन लोकतन्त्र की आत्मा के प्रतिकूल थे। संविधान के सन्तुलन तथा व्यक्ति के मौलिक अधिकारों पर प्रश्न चिह्न लग गया।

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