Que 1 अंग्रेजों ने भारत क्यों छोड़ा ? कारणों की विवेचना करें।
Ans- अंग्रेजों के भारत छोड़ने की तो इसका सबसे बड़ा कारण था द्वितीय विश्वयुद्ध। 1939 से 1945 के बीच का यह युद्ध मानव इतिहास का सबसे खतरनाक युद्ध रहा है, जिसमें दस करोड़ लोगों की जान गई। द्वितीय विश्वयुद्ध आरंभ करने का सारा श्रेय ऐडोल्फ हिटलर को ही जाता है। महात्मा गाँधी ने अगस्त 1942 में "अंग्रेजों भारत छोडो" आंदोलन प्रारंभ किया और करो और मरो' करा नारा दिया। यह आंदोलन एक बहुत बड़ा जनांदोलन के रूप में उभर कर सामने आया। जिसके फलस्वरूप ब्रिटेन को केवल भारत ही नहीं, बल्कि अपने कई उपनिवेशों से हाथ धोना पड़ा।
Que 2 1857 के विद्रोह के प्रमुख कारणों का वर्णन करें।
Ans- 1857 के विद्रोह का प्रमुख राजनीतिक कारण ब्रिटिश सरकार की 'गोद निषेध प्रथा' या 'हड़प नीति' थी। यह अंग्रेजों की विस्तारवादी नीति थी जो ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी के दिमाग की उपज थी। कुशासन के नाम पर लार्ड डलहौजी ने अवध का विलय करा लिया जिससे बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी, अधिकारी एवं सैनिक बेरोजगार हो गए।
Que 3 कैबिनेट मिशन भारत क्यों आया ?Ans- भारत की राजनीति परिस्थिति का अध्ययन करने और समस्या का निदान खोजने के लिए ब्रिटिश सांसद ने एक प्रतिनिधिमंडल मार्च, 1946 को भेजा, इस प्रतिनिधिमंडल ने Lord Wavell तथा भारतीय नेताओं से मिलकर एक योजना तैयार की जिसे "कैबिनेट मिशन (Cabinet Mission)" के नाम से जाना जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य था भारत में पूर्ण स्वराज्य लाना।
Que 4 माउण्टबेटन प्लान क्या था ?
Ans- 15.3जून 1947 को पेश की गई आजादी की इस 'कुंडली' को 'थर्ड जून प्लान' और बाद में 'माउंटबेटन प्लान' के नाम से जाना गया। इसी दस्तावेज को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के रूप में ब्रिटेन के राजपरिवार ने मान्यता दी। इस योजना में भारत को दो देशों में विभाजित करने की योजना का खाका पेश किया गया था।
Que 5 हडप्पा सभ्यता की मुख्य विशेषताओं पर प्रकाश डालें।
Ans- . सभ्यता के लिये साधारणतः तीन नामों का प्रयोग होता है-सिंधु सभ्यता, सिंधु घाटी को सभ्याता और हड़प्पा सभ्यता। इन तीनों शब्दों का एक हो अर्थ है। इनमें से प्रत्येक शब्द को एक विशिष्ट पृष्ठभूमि है। प्रारंभ में 1921 में जब पश्चिमी पंजाब के हडप्पा स्थल पर इस सभ्यता का पता चला है और अगले ही वर्ष एक अन्य प्रमुख स्थल मोहनजोदडों की खोज हुई, तब यह सोचा गया कि यह सभ्यता अनिवार्यतः सिन्धुघाटी तक सीमित थी। अत: इस सभ्यता का संकेत देने के लिए सिंध घाटी की सभ्यता शब्दावली का प्रयोग शुरू हुआ। परंतु बाद के वर्षों के अनुसंधान से जब यह प्रमाणित हो गया कि यह सभ्यता स्वयं सिंधु घाटी की सीमाओं के पार दूर-दूर तक फैली थी (उदाहरण के लिये, यह पता चला कि यह सभ्यता राजस्थान, हरियाणा, पूर्वी पंजाब और गुजरात जैसे इलाकों तक फैली थी) तब इस सभ्यता के सही-सही भौगोलिक विस्तार का संकेत देने के लिये।

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