प्रश्न 1. मानव भूगोल को परिभाषित करें।
उत्तर:- मानव भूगोल पृथ्वी और उसके भौतिक वातावरण के पारस्परिक सम्बन्धों का अध्ययन है। किसी प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियाँ, भू-रचना, जलवायु, वनस्पति, खनिज सम्पत्ति, जीव-जन्तु इत्यादि का मानवीय क्रिया-कलापों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन है।
_उष्ण, शीत अथवा समशीतोष्ण कटिबन्धीय निवासियों की शारीरिक रचना, जातीय गुण, कार्यक्षमता, योग्यता, आचार-विचार, धार्मिक विश्वास आदि में अनेक विभिन्नताएँ मिलती हैं। इन विभिन्नताओं का कारण वह विशेष वातावरण है जिसमें मानव रहता है।
प्रश्न 2 : मुक्त व्यापार क्या है?
उत्तर:-मुक्त व्यापार के अन्तर्गत विभिन्न देश आयात शुल्क में कमी तथा आयत की मात्रा पर लगे प्रतिबंधों को हटा देते हैं जिससे किसी देश का सामान सुगमता से दूसरे देश के बाजारों में पहुँच सकता है और बाजार में उस देश के घरेलू उत्पादों के साथ इसकी प्रतिस्पर्धा होती है। उदारीकरण के साथ वैश्वीकरण के विकास से विकसित देशों को बहुत लाभ मिलता है, क्योंकि उन्नत तकनीक से सामानों का उत्पादन बहुत अधिक होता है और उत्पादन खर्च कम पड़ता है। उनकी फिनिशिंग तथा पैकिंग उच्च कोटि की होती है और इसके साथ परिवहन और संचार की उन्नत व्यवस्था के कारण उनका सामान विश्व के किसी बाजार में शीघ्रातिशीघ्र पहुँच सकता है। इसलिए, विकासशील देशों के घरेलू उत्पादों का बिकना कठिन हो जाता है, अर्थात् बाजार प्रतिस्पर्धा में वे पीछे रह जाते हैं।
प्रश्न 3. नगरों के आकार में वृद्धि होने के परिणाम क्या हैं?
उत्तर:- प्राय: सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अनेक छोटे उपनगरों का विकास किसी बड़े औद्योगिक नगर के चारों ओर अथवा निकट में हो जाता है। इससे न केवल उपनगरों तथा बड़े नगरों में जनसंख्या का भार घना हो जाता है वरन् रहने के स्थानों की भी कमी हो जाती है। अधिक घनत्व के कारण सामान्य एवं आवश्यक सुविधाएँ (पीने का जल, ईंधन, मकान, दूध, साग-सब्जी आदि) एवं पेयजल का अभाव होने लगता है जिससे इनके मूल्य ऊँचे हो जाते हैं और रहन-सहन का स्तर गिर जाता है। भीड़-भड़क्का, शोरगुल, चहल-पहल अधिक होने से सामान्य जन-जीवन की शान्ति नष्ट हो जाती है। गन्दी बस्तियों में अनेक सामाजिक बुराइयाँ बढ़ जाती हैं। कोलकाता की एक-तिहाई जनसंख्या गन्दी बस्तियों में रहती है। एशिया की सबसे बड़ी मलिन बस्ती धारावी (मुम्बई) है।
प्रश्न 4. भारत के उच्च घनत्व के क्षेत्र से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:-उच्च घनत्व के क्षेत्रों के अन्तर्गत सम्पूर्ण देश के लगभग एक चौथाई जिले सम्मिलित हैं। इसका विस्तार पश्चिमी बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा में है। यह देश का कृषि प्रधान, ग्रामीण-बहल क्षेत्र है। केवल पूर्वी तथा धुर पश्चिमी भाग में औद्योगिक विकास के कारण नगरीय संकेन्द्रण अधिक मिलता है। समतल उर्वर मैदान, काँप की मिट्टियाँ, सिंचाई एवं पेयजल की उपलब्धता के कारण यहाँ सघन आबादी मिलती है।
प्रश्न 5, जल प्रदूषण की रोकथाम के लिये दो महत्वपूर्ण सुझाव दीजिए।
उत्तर:-जल प्रदूषण को रोकने तथा कम करने के कुछ प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं
(i) प्रत्येक घर में सेप्टिक टैंक होना चाहिए।
(ii) शोधन (Purification) के पूर्व औद्योगिक अपशिष्टों (Industrial Waste Product) को जल में नहीं छोड़ना चाहिए।
(iii) बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों में जल शोधन संयन्त्रों (Water Purification Plant) को लगाना चाहिए जिससे इनके द्वारा निकला जल शुद्ध होने के बाद ही जल स्रोतों में जा सके।
(iv) जल प्रदूषण के दुष्परिणामों से जनमानस को अवगत कराना चाहिए।
(v) जल प्रदूषण रोकने हेतु सरकार कठोर नियम बनाये तथा उनका प्रभावी क्रियान्वयन करें।
प्रश्न 6. संभववाद क्या है?
उत्तर:-बीसवीं शती में अनेक विचारकों का यह मत पुष्ट होने लगा कि किसी प्रदेश के भौतिक वातावरण में मनुष्य के लिए कई प्रकार की सम्भावनाएँ छिपी हुई हैं ,और मनुष्य अपनी बुद्धि तथा प्रयासों द्वारा सर्वोत्तम सम्भावना का चुनाव करता है। इस प्रकार प्रकृति की सत्ता सर्वशक्तिमान नहीं रह जाती और मानव को महत्व मिलना प्रारम्भ हआ। मानव अपने वातावरण में परिवर्तन करता है अथवा सामंजस्य स्थापित करता है। इस भावना को सर्वप्रथम फ्रांसीसी विद्वान फैब्वरे ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक "इतिहास की भौगोलिक प्रस्तावना" (Geographical Introduction to History, 1925) में सम्भववाद (Possibilism) का नाम दिया।
प्रश्न 7. भारत के तेल क्षेत्र कौन-से हैं?
उत्तर:- भारत में असम और गुजरात तथा मुम्बई तट के निकट मुम्बई हाई (Mumbay High) व बसीन क्षेत्र से तेल प्राप्त किया जाता है। असम में तेल क्षेत्र उत्तरी-पूर्वी असम से लगाकर ब्रह्मपुत्र और सुरमा नदी की घाटी से लगाकर रामरी और चेदूबा द्वीपों के 1,280 किमी० के घेरे में फैला हुआ है। इस क्षेत्र में तेल कुएँ लखीमपुर जिले में बापापांग, डिगबोई और हस्सापांग में स्थित हैं जिनका क्षेत्रफल 5 वर्ग किमी० है। यहाँ का तेल साफ करने के लिए डिगबोई के तेलशोधक कारखाने को भेज दिया जाता है। गुजरात में अंकलेश्वर में तेल निकाला जाता है। नये पर्यवेक्षणों के अनुसार मिट्टी के तेल के नये स्रोत पंजाब, कच्छ की खाड़ी के निकटवर्ती भाग, सौराष्ट्र, असम, त्रिपुरा, कावेरी डेल्टा और राजस्थान के अर्द्ध-मरुस्थलीय भागों में पाये गए हैं। भारत में तेल उत्खनन का कार्य तेल एव प्राकृतिक गैस आयोग एवं ऑयल इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जाता है।
प्रश्न 8. ऋतु प्रवास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:- चलवासी पशुचारण का व्यवसाय चलवासी चरवाहों (Nomadic Pastoral Population) द्वारा किया जाता है। इन लोगों का प्राकृतिक चरागाहों तथा पशुओं दोनों से घनिष्ठ संबंध है। पशुचारण उन क्षेत्रों में किया जाता है जहाँ पर्याप्त मात्रा में चरागाह (घास के मैदान) तथा पानी की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। जहाँ चरागाहों का अच्छा विकास हुआ है, वहाँ गाय, बैल पाले जाते हैं, जबकि कम घास वाले क्षेत्रों में भेड़, बकरियाँ पाली जाती हैं। शुष्क तथा अर्द्धशुष्क प्रदेशों में घोड़े,
गधे और ऊँट पाले जाते हैं, तथा शीत तथा टुंड्रा प्रदेशों में रेडियर मुख्य पशु है। पर्वतीय क्षेत्रों में चलवासी चरागाहों द्वारा यह पशुचारण किया जाता है। शीत ऋतु में ये लोग अपने पशुओं को लेकर घाटियों में आ जाते हैं तथा ग्रीष्म ऋतु में ऊँचे पर्वतीय क्षेत्रा में जहाँ बर्फ पिघल जाती है, अपने पशुओं को लेकर चले जाते हैं। कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश में इस प्रकार का मौसमी स्थानांतरण होता है। कश्मीर के गुज्जर इस प्रकार का पशुपालन करते हैं। इस प्रकार के चलवासी पशचारण को ऋतु-प्रवास (Transhumance) कहते हैं।
-प्रश्न 9. लिंग संरचना से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:- लिंग संघटन या यौन संघटन का अर्थ है किसी जनसंख्या में स्त्रियों और पुरुषों का संघटन। इसकी माप लिंगानुपात या यौन अनुपात (Sex ratio) द्वारा की जाती है। किसी प्रदेश की सामाजिक स्थिति तथा अर्थव्यवस्था में स्त्री-पुरुष अनुपात की महत्वपूर्ण भूमिका पायी जाती है। अतः लिंगानुपात का अध्ययन जनसंख्या भूगोलवेत्ता के लिए विशेष महत्वपूर्ण होता है। स्त्री-पुरुष की प्रकृति कुछ विषयों में एक-दूसरे के विपरीत होती है और अनेक विषयों में स्त्री और पुरुष एक-दूसरे के पूरक होते हैं। अतः किसी अर्थव्यवस्था के विकास में स्त्री-पुरुष अनुपात का विशिष्ट स्थान होता है।
प्रश्न 10. मानव विकास के संकेतक क्या है?
उत्तर:- मानव विकास के संकेतक-वर्ष 2001 की मानव विकास रिपोर्ट में तीन सूचकांकों का निर्माण किया गया था। ये सूचकांक थे-मानव विकास सूचकांक-लिंग विकास सूचकांक तथा लिंग सामर्थ्य सूचकांक आदि।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा 15वीं मानव विकास रिपोर्ट 15 जुलाई, 2004 को जारी की गयी। विशेषज्ञों के एक दल द्वारा बनायी गयी इस रिपोर्ट में विभिन्न राष्ट्रों में मानव विकास की स्थिति का आकलन तीन सूचकांको-जीवन प्रत्याशा, साक्षरता तथा प्रति व्यक्ति आय के आधार पर किया गया।

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