1 . ऋग्वैदिक देवताओं का वर्गीकरण बताइये।?
उत्तर-आर्यों के वग के देवी-देवताओं की तीन श्रेणियाँ या वर्ग थे-प्रथम स्वास्य द्वितीय अन्तरिक्षवासी और तृतीय पृथ्वीवासी। प्रथम वर्ग में द्यौस, अश्विन, सूर्य जसण आप.सविता, मित्र, पूषन, विष्णु, आदित, उषा आदि थे। द्वितीय वर्ग में इट, बायु मारुत, पर्जन्य, रुद्र आदि थे और तृतीय वर्ग में पृथ्वी, सोम, अग्नि, बृहस्पति, सरस्वती आदि थे।
उत्तर-जूरजहाँ का विवाह जहाँगीर के साथ हुआ था। उसके पिता पताउदीला थे। जहाँ अत्यधिक गुन्दा थी यान उतनी शानदार बुद्धिमान भी थी। वह एक विधवा थी। इसका नाम निकालिया था। जहाँगीर ने उसको पेसलिसा के स्थान पर पहले ती नामहल की तत्पश्चातरजहाँ बेगम की माथि दी। दरमहान चीर श्री शासन की बागडोर अपने हाथों में ले ली। वह आदेशों पर भी हस्ताक्षर करती थी और प्ररोखा दर्शन भी देती थी। उसके नाम के सिक्के भी बताये जाते थे
और उन पर अलग लेख भी अकित किये जाते थे। जहाँहर केवल नाममात्र या बादशाह ही था। पारी शक्ति और अधिकार रजहाँ के हाथ ना गया जहांगीर स्वयं ही कहता था मैन जहाँ को सत्ता और दी।
3. भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को क्यों लागू किया गया?
उत्तर-भारत का संविधान 26 जनवरी 1919 को बनकर तैयार हो गया था, परन्तु उसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। इसका मुख्य कारण पं० जवाहर लाल नेहरू ने लाहौर में 1929 के कांग्रेस अधिवेशन में 26 जनवरी, 1930 को पूर्ण स्वतंत्रता की माँग का प्रस्ताव पास कराया। इस दिन का स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया गया। इसके बाद कांग्रेस ने हर वर्ष 26 जनवरा का दिन इसी रूप में मनाया था। इसी पवित्र दिवस की याद ताजा रखने कालए संविधानसभा ने 26 जनवरी 1950 को संविधानलाग करने का निर्णय किया था।
4. अकबर की मनसबदारी व्यवस्था का वर्णन कीजिए।
उत्तर-'मनसब अरबी भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ है 'पदवी' अथवा 'स्थान निश्चित करना । 'मनसबदार' मुगल अधिकारी का पद होता था। यह पद उस अधिकारी का राज्य में दर्जा, वेतन तथा शाही दरबार में उसका स्थान निर्धारित करता था। प्रत्येक मनसबदार को अपने मनसब के अनुसार घुड़सवार, हाथी, ऊँट, आदि रखने पड़ते थे। दूसरे शब्दों में, मुगलकाल में मनसबदार से अभिप्राय उस सैनिक अथवा नागरिक कर्मचारी से लिया जाता था जो प्रशासन चलाने में सम्राट् की सहायता करता था।
5, संविधान में प्रस्तावना से आप या समाते।
उत्तर संविधान में प्रस्तावना प्रत्येक विधा। के पास में सामान्यतया एक पसायरा होती है जिसके द्वारा संविधान पयाँ तथा लक्ष्यों को स्पष्ट किया जाता है। इस परतावनाका का प्रमोजा विधान निर्मातामों के विचारों तथा उद्देश्यों को पार करना होता है जिससे विधान की क्रियान्विति व उसके पाल। में संविधान की मूल भाषा का ध्यान रखा जा सके। भारत की प्रस्तावना भारत के प्रजातन्त्रीय गणतनात्मक राज्य का एक संक्षिप्त किन्तु सारपूर्ण घोषणापत्र है।
6 . भारत में अंग्रेजी राज्य के समय किसानों की ऋणग्रस्तता के क्या कारण थे?
उत्तर भारत में अंग्रेजी राज्य के समय किसानों की ऋणग्रस्तता के निम्नलिखित कारण थे
(1) किसानों का लगान (भूमि कर) निश्चित था। कई बार फसल खराब होने तथा कम उत्पादन होने पर भी किसान अपनी उपज से लगान नहीं चुका पाते थे उन्हें लगान चुकाने के लिए महाजन से ऋण लेना पड़ता था।
(2) किसान अपनी उपज में से कुछ भी बचाकर न रख पाते थे। अत: सूखा पड़ने या बाढ़ आने पर किसानों को ऋण का सहारा लेना पड़ता था।
(3) किसानों को विवाह और जन्म मरण जैसे अवसर पर विभिन्न संस्कारों को पूरा करने के लिए ऋण लेना पड़ता था।
(4) महाजन ऋण पर बहत अधिक व्याज लेते थे। जो किसान एक बार ऋण ले लेता, वह सदा के लिए ऋणग्रस्त हो जाता था।
7. भारत के सभी वर्तमान दलों के नाम लिखिए।
उत्तर भारत में पाँच राष्ट्रीय दल है-1 भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा), 3. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, जो अब कांग्रेस के नाम से जानी जाती है। समाजवादी पार्टी, 5 भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) पार्टी, 6, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी।
8. राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय बलों में क्या अन्तर है?
उत्तर-राष्ट्रीय दल वह है जो सारे देश में या उसके अनेक राज्यों (भागों) में कार्य करती है, जैसे-कांग्रेस अथवा भाजपा किन्तु क्षेत्रीय पार्टीका कार्य क्षेत्र बहुत सीमित होता है। उसकी शाखाएँ किसी विशेष प्रान्त या राज्य या भाग सक सीमित होती हैं, जैसे-आन्ध्र प्रदेश में तेलुगदेशम् अथवा पंजाब में शिरोमणि अकाली दला राष्ट्रीय पार्टी सारे देश के हित को अपने ध्यान में रखती है, जबकि क्षेत्रीय पार्टी का सरोकार अपने क्षेत्र के हित से होता है।

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