Qus 1. कुसमायोजी व्यवहार क्या होता है?
उत्तर-इसके अन्तर्गत ऐसे सभी व्यवहार-प्ररूप आ जाते हैं जो स्वयं व्यक्ति वा उसके समाज के लिए अवांछनीय परिणाम उत्पन्न करते हैं। उदाहरणार्थ, इसके अन्तर्गत न केवल विभिन्न तन्त्रिकाताप (Neuroses) और मनस्ताप Puchoses) जैसे सुनिश्चित मानसिक विकास आते हैं बल्कि ऐसे व्यवहार-प्ररूप भी आते हैं जिन्हें व्यक्तित्व तथा सामाजिक आधार पर सामान्य नहीं कहा जा सकता। उदाहरणार्थ, अनैतिक व्यापार, प्रजातीय पूर्वग्रह, जातीय दंगे तथा अलगाव और संवेगात्मक उदासीनता आदि व्यवहार-प्ररूप कुसमायोजी व्यवहार कहलाते हैं।
Qus 2. अंतरसमूह प्रतिस्पर्धा से आप क्या समझते हैं?
यह ऐसी सामाजिक स्थिति होती है जिसमें दो समूह अलग-अलग प्रतिस्पर्धात्मक परिस्थिति में काम करता है। दोनों समूह विरोधी समूह की तरह काम करते हैं और एक-दूसरे के प्रति तनाव एवं ईर्ष्या रखते हैं। फिर भी ऐसी परिस्थिति में दोनों के अन्दर आपसी सामग्रता एवं निष्ठा पाई जाती है।
Qus 3. गरीबी तथा वंचना में अंतर करें।
उत्तर-इन दोनों का सम्बन्ध सामाजिक असविधा से होता है अर्थात् वह परिस्थिति जिसकी वजह से समाज के कछवर्ग उन सविधाओं का उपयाग नहार पाते जो समाज के शेष वर्गों के व्यक्ति करते हैं।
गरीबी और वंचना के बीच अंतर भी होता है। गरीबी का अर्थ ऐसे संसाधनों की कमी से है जो जीविका के लिए जरूरी है। गरीबी में भेदभाव का अर्थ उन व्यवहारों से है जिनके द्वारा गरीब और अमीर के मध्य अन्तर किया जाता है। गरीब में क्षमता होते हुए भी वह उन अवसरों से दूर हो जाता है जो बाकी लोगों को मिल जाते हैं। वंचना वह है जिसमें व्यक्ति अनुभव करता है वह मूल्यवान वस्तु उसे प्राप्त नहीं हो रही है जिसके वह योग्य है।
Qus 4. बुद्धि व ज्ञान में अन्तर लिखिये।
सामान्य रूप से लोग बुद्धि व ज्ञान को समानार्थी समझते हैं, लेकिन मनोवैज्ञानिक दृष्टि से इनमें काफी भेद हैं, जो निम्नलिखित हैं-(a) बुद्धि तथा ज्ञान में मूलभूत अन्तर यह है कि बुद्धि जन्मजात होती है, जबकि ज्ञान अर्जित होता है। (b) बुद्धि को स्थिर माना जाता है, जबकि ज्ञान में लगातार वृद्धि हो सकती है। (c) यह आवश्यक नहीं है कि व्यक्ति के बुद्धिमान होने पर उसमें ज्ञान भी हो। इसके विपरीत यह भी जरूरी नहीं होता है कि ज्ञानी व्यक्ति बुद्धिमान भी हो। (d) किसी समस्या के समाधान में ज्ञान की अपेक्षा बुद्धि अधिक मददगार होती है। (e) बुद्धि का क्षेत्र व्यापक होता है, जबकि ज्ञान का क्षेत्र सीमिति होता है। (f) बुद्धिमान व्यक्ति समस्या का समाधान अन्तर्दृष्टि के माध्यम से करता है, जबकि ज्ञान में प्रयत्न एवं भूल का सहारा लेना पड़ता है। (g) ज्ञान को वातावरण प्रभावित करता है जबकि बुद्धि में ऐसा नहीं होता है।
Qus 5. प्रतिबल एवं स्वास्थ्य में क्या सम्बन्ध है?
प्रतिबल तथा स्वास्थ्य में सम्बन्ध-प्रतिबल एवं स्वास्थ्य में घनिष्ठ सम्बन्ध है। मस्तिष्क तथा शरीर के बीच गहरा रिश्ता होने के कारण, जब प्रतिबल देर तक बना रहता है, तो यह शारीरिक स्वास्थ्य तथा मनोवैज्ञानिक सक्रियता को भी प्रभावित करता है। सेली द्वारा प्रतिपादित सामान्य अनुकूलन संलक्षण इस बात की व्याख्या करता है कि अनवरत बने रहने वाले प्रतिबल के कारण शरीर के संसाधनों में कमी आती है, जिससे शारीरिक रोग होते हैं। मनोवैज्ञानिक शोध में यह पाया है कि जीवन में घटित होने वाली दुःखद घटनाओं के कारण लोगों में मानसिक. शारीरिक तथा मनोदैहिक बीमारियाँ अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में मिलती है। लोगों को अवांछित, अनिश्चित तथा भय की स्थिति में अधिक दिन म तक रहना पडता है और जब ऐसी दशाओं को बदलने के सारे प्रयास सरासर जाते हैं तब ऐसी दशा में व्यक्ति के शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य पर बरा प्रभाव पड़ता है।
Qus 6. व्यक्तित्व से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-'व्यक्तित्व' यह एक प्रचलित और आम शब्द है जिसे लोगों ने अपनी-अपनी दृष्टि से निखारा और परखा है। आधुनिक समय में इसे ऐसे गुणों का संगठन स्वीकार किया जाता है जिनमें अनेक मानवीय गुण अन्तर्निहित तथा संगठित होते हैं। इसके स्वरूप को लेकर लोगों के विचारों में भिन्नता है। कुछ ऐसे चरित्र का उद्गम स्थान, कुछ शारीरिक मानसिक विकास का योग, अच्छे बुरे व्यवहार की समीक्षा करने वाली सन्तुलित शक्ति, तो कुछ शरीर के गठन-सौष्ठव व ओजपूर्ण आकर्षक मुखाकृति का पर्याय समझते हैं। वास्तव में ये समस्त अलग अलग विचार व्यक्तित्व नहीं हैं-न शरीर, न मस्तिष्क और न मानव का बाह्य स्वरूप ही व्यक्तित्व हैं-व्यक्तित्व इन समस्त अवयवों का सम्पूर्ण एवं सन्तुलित रूप है।
Qus 7. सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य का क्या तात्पर्य है?
उत्तर-सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य-सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य का केंद्रीय तत्व अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना है न कि विभिन्न रोगों का उपचार करना है। स्वास्थ्य पूर्ण शारीरिक, मानसिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक स्वस्तिबोध की अवस्था है। शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य इसके मुख्य चार अवयव हैं। सकारात्मक स्वास्थ्य तथा स्वस्तिबोध मस्तिष्क में स्वस्थ अभिवृत्ति होने से पैदा होता है।
Qus 8. पर्यावरणीय प्रतिबल के आशय को स्पष्ट करें।
उत्तर-पर्यावरणीय प्रतिबल-पर्यावरणीय प्रतिबल का आशय पर्यावरणी स्रोत से उत्पन्न होने वाले तनाव से है। ये प्रतिबल अत्यधिक तीव्रता वाले होते हैं। भूचाल, बाढ़ एवं आग इत्यादि अचानक घटित होते हैं तथा बड़े ही व्यापक प्रभाव वाले होते हैं। इनकी आरंभिक अनुक्रिया सार्वभौमिक होती है। इन्हें विध्वंसक घटनाएँ या आपदाएँ कहते हैं। दूसरे प्रकार के पर्यावरणीय प्रतिबल जैसी घटनाएं हो सकती हैं जिनका सभी लोगों पर एक ही तरह का प्रभाव पड़ता है, लेकिन व्यक्ति इनके प्रति अलग-अलग ढंग से अनुक्रिया करते हैं। इसके अन्तर्गत पर्यावरणीय प्रदूषण, भीड़ एवं औद्योगिक ध्वनि प्रदूषण इत्यादि शामिल हैं।

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